पवित्रा पुनिया (सोनी सब के ‘बालवीर रिटर्न्स’ में तिमनासा)
मेरे लिये दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो आपको अपने
करीबियों से मिलने का मौका देकर उनसे जोड़ता है। चाहे आपसे दूर रहकर काम कर रहा
आपका बेटा हो या फिर विदेश में रहकर पढ़ाई कर रही आपकी बेटी हो और इसी तरह कोई और।
इस साल मैंने अभी तक अपनी दिवाली के बारे में नहीं सोचा है, क्योंकि अपने शो ‘बालवीर रिटर्न्स‘ को लेकर मेरा
शेड्यूल वाकई बहुत व्यस्त है। लेकिन, यदि मुझे दिल्ली में अपने पेरेंट्स के पास जाने का
वक्त मिलता है तो उनके साथ यह त्यौहार मनाने जरूर जाऊंगी। चूंकि यह त्यौहारों
का मौसम है और मुझे मिठाइयां बहुत पसंद हैं, मैं कई बार दिवाली के समय अपनी
पसंदीदा मिठाई गुलाब जामुन बनाती हूं और इस साल भी कुछ ऐसा ही करने का सोच रही
हूं। इस दिवाली उम्मीद करती हूं कि हर किसी को अपने परिवार से मिलने और एक साथ
दिवाली मनाने का मौका मिले ।
हर्षद अरोड़ा (सोनी सब का ‘तेरा क्या होगा
आलिया’ में आलोक)
दिवाली खुशियों और समृद्धि का त्यौहार है। मैं आमतौर
पर मुंबई में दिवाली अपने दोस्तों के साथ मनाता हूं क्योंकि मेरा परिवार दिल्ली
में रहता है। मैं और मेरा परिवार हमेशा दिवाली पूजा के बाद पार्टी करना नहीं भूलते।
इस साल चूंकि मैं अपने परिवार से दूर हूं तो मैंने उनके लिये ऑनलाइन कुछ बहुत अच्छे
कपड़ों की शॉपिंग की है। दिवाली के समय मैं कुछ ज्यादा ही खुश रहता हूं, क्योंकि मुझे
मिठाइयां पसंद हैं। मुझे किसी भी तरह की मिठाई खाना पसंद है, लेकिन मुझे मूंग
दाल की बर्फी और मिल्क केक पसंद है। मैं किसी भी त्यौहार में इन मिठाइयों को
खाना नहीं भूलता। मैं सभी को मिठाइयों और खुशियों से भरी दिवाली की शुभकामनाएं
देता हूं।
परेश गनात्रा (सोनी सब के ‘भाखरवाड़ी’ में महेंद्र)
मुझे हर त्यौहार या खास मौकों को परिवार के साथ
निभाना पसंद है और दिवाली मेरे लिये ऐसा ही त्यौहार है। यह ऐसा समय होता है जब हर
किसी को छुट्टी मिलती है और मुझे लगता है कि दिवाली परिवार के साथ समय बिताने का
सबसे अच्छा मौका होता है। यूं तो दिवाली की सबसे अच्छी बात होती है तरह-तरह के
पकवान जो आप खाते हैं। इस साल हर किसी को शुभकामनाएं देने के अलावा, मैं एक संदेश देना
चाहूंगा। मैं हर किसी को यह संदेश देना चाहूंगा कि इस दिवाली को जरूरतमंदों के
लिये ‘खुशियों वाली
फीलिंग’ बनायें। पटाखों या
कपड़ों पर बहुत ज्यादा खर्च करने की बजाय, हम बच्चों को खुशियों वाली
दिवाली मनाने में मदद कर सकते हैं और जिस तरह वह इसे मनाना चाहें।
आसिया काज़ी (सोनी सब के ‘तेनाली रामा’ में शारदा)
दिवाली वह मौका होता है जब मुझे उन दोस्तों से मिलने
का मौका मिलता है जिनसे मैं बहुत मिल नहीं पाती हूं, क्योंकि मेरा हर दिन का रूटीन
एक जैसा ही होता है, काम पर जाती हूं, वहां से सीधे घर और फिर सोने
चली जाती हूं। इसलिये, दिवाली के समय मैं सारे दोस्तों से मिलने और उनके
साथ समय बिताने की कोशिश करती हूं। वे मुझे अपने घरों की दिवाली पार्टियों में
बुलाते हैं और इस साल भी कुछ ऐसा ही करने वाली हूं। दिवाली रंग-बिरंगे भारतीय
पारंपरिक कपड़े पहनने का मौका लेकर आती है, जो मुझे ऐसे भी बहुत पसंद है।
मेरी मां कपड़े डिजाइन करती हैं और दिवाली के समय हमेशा ही उनके डिजाइन किये हुए
कपड़े पहनती हूं। यूं तो मुझे मीठा खाना पसंद नहीं है, लेकिन त्यौहारों का समय होने
के कारण, मुझे मिल्क केक
खाना अच्छा लगता है और मैं खुद घर पर इसे बनाती हूं।
देव जोशी (सोनी सब के ‘बालवीर रिटर्न्स’ में बालवीर)
दिवाली रोशनी और खुशियों का त्यौहार है। हिन्दू
संस्कृति के अनुसार, यह नया साल भी होता है, जोकि लोगों के जीवन में नयापन
लेकर आता है। दिवाली केवल एक दिन का त्यौहार नहीं, यह लगभग 10 दिनों तक चलता है, जिसमें घरों की
सफाई, सजावट, गोवर्द्धन पूजा शामिल
हैं और हर संस्कृति में कई अन्य त्यौहार होते हैं। हमारा पूरा परिवार इस त्यौहार
के दौरान इकट्ठा होता है और हम भी अपने सगे-संबंधियों के घर जाते हैं। मुझे दिवाली
में अच्छे कपड़े पहनना पसंद है और हम अपने घरों को सुंदर मोमबत्तियों और लाइट्स
से सजाते हैं। दिवाली के समय हम खूब सारा मीठा खाना और अहमदाबाद का अपना पसंदीदा
पकवान मोहन-थाल खाना नहीं भूलते । इस साल मैं दिवाली के लिये अपने पेरेंट्स के पास
जाने के बारे में सोच रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि हर किसी को इसे अपने
करीबियों और चाहने वालों के साथ मनाने का मौका मिले।