जिस मुल्क का शरीर और समाज दोनों बीमार हो चुका हो, आखिर वो कैसे तरक्की करेगा — अतुल मलिकराम
 

 कोई गम के साये में डूबा हुआ था और कोई ये देखकर खुश हो रहा था कि उसके आंखों के आगे से जनाजा निकल रहा है। मै हैरान हूं इस मुल्क की सोच से, क्योंकि जिस मुल्क में किसी के घर में छाया मातम, किसी और के लिए शगुन बन जाए, वो मुल्क आने वाले 70 सालों में तो क्या 700 सालों में भी तरक्की नही कर सकता है।

इस मुल्क में कहीं करोड़ो रुपए सड़ रहे हैं, तो कहीं करोड़ो भूख से मर रहे हैं। इस मुल्क में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आंदोलन है लेकिन फिर भी दिन-रात बलात्कार का कोहरा है। जिस मुल्क का शरीर और समाज दोनों बीमार हो चुका हो, वो आखिर कैसे तरक्की करेगा।

मैने देखा है इस मुल्क में आस्था पर अंधविश्वास को हावी हुए, मै हैरान हो जाता हूँ, जब सभ्य समाज का पढ़ा-लिखा वर्ग बतलाने वालो के आँखों पर अंधविश्वास की चादर चढ़ी हुई पाता हूँ। जब तक इस मुल्क में अंधविश्वास के नाम पर खून का खेल यूं ही चलता रहेगा, जब तक आस्था की अस्मत से अंधविश्वास का दाग नही हटेगा, ये मुल्क तरक्की नही कर सकेगा।

मैने देखा है इस देश के बच्चों को, जो आज अपना भविष्य खरीदने के लिए मजबूर हैं। जो डोनेशन के नाम पर काला धन बांट पाता है, वो ही यहाँ बेहतर शिक्षा पाने का हकदार बन पाता है। जो मुल्क, खुद के भविष्य पर ताले लगाता हो, आखिर वो मुल्क कभी कैसे तरक्की कर पायेगा।

मैने देखा है इस मुल्क के लोगो को दागियों को सत्ता के सिंहासन पर बैठाते हुए, जब तक इस मुल्क का नागरिक अपने वोट के अधिकार को नही समझ पायेगा, ये मुल्क तरक्की नही कर पायेगा।
मैने देखा है यहां मजहब के नाम पर खून की नदियां बहते हुए, भाई को भाई की जान लेते हुए, मै देखता हूँ लोगो को भगवे और हरे के लिए लड़ते हुए। जब तक ये मुल्क भगवा और हरा छोड़ तिरंगा नही उठायेगा, ये मुल्क तरक्की नही कर पायेगा।

जब ये मुल्क केवल एक नेता नही बल्कि अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति की तरक्की का अहसास कर पायेगा, तब ये मुल्क तरक्की कर पायेगा। जब इस मुल्क में सभी को शिक्षा का समान अधिकार मिल पायेगा, तब ये मुल्क तरक्की कर पायेगा। जब इस मुल्क के लोगो को दूसरों के दुख में दुख का अहसास हो पायेगा, तब ये मुल्क तरक्की कर पायेगा। जब इस मुल्क का प्रत्येक वासी अपनी-अपनी जिम्मेदारी की चादर ओढ़ने के लिए तैयार हो जायेगा, और सच्चे नागरिक का कर्तव्य निभाएगा, तब सही मायनो में ये मुल्क तरक्की कर पायेगा।


जिस मुल्क का शरीर और समाज दोनों बीमार हो चुका हो, आखिर वो कैसे तरक्की करेगा — अतुल मलिकराम
 

 कोई गम के साये में डूबा हुआ था और कोई ये देखकर खुश हो रहा था कि उसके आंखों के आगे से जनाजा निकल रहा है। मै हैरान हूं इस मुल्क की सोच से, क्योंकि जिस मुल्क में किसी के घर में छाया मातम, किसी और के लिए शगुन बन जाए, वो मुल्क आने वाले 70 सालों में तो क्या 700 सालों में भी तरक्की नही कर सकता है।

इस मुल्क में कहीं करोड़ो रुपए सड़ रहे हैं, तो कहीं करोड़ो भूख से मर रहे हैं। इस मुल्क में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आंदोलन है लेकिन फिर भी दिन-रात बलात्कार का कोहरा है। जिस मुल्क का शरीर और समाज दोनों बीमार हो चुका हो, वो आखिर कैसे तरक्की करेगा।

मैने देखा है इस मुल्क में आस्था पर अंधविश्वास को हावी हुए, मै हैरान हो जाता हूँ, जब सभ्य समाज का पढ़ा-लिखा वर्ग बतलाने वालो के आँखों पर अंधविश्वास की चादर चढ़ी हुई पाता हूँ। जब तक इस मुल्क में अंधविश्वास के नाम पर खून का खेल यूं ही चलता रहेगा, जब तक आस्था की अस्मत से अंधविश्वास का दाग नही हटेगा, ये मुल्क तरक्की नही कर सकेगा।

मैने देखा है इस देश के बच्चों को, जो आज अपना भविष्य खरीदने के लिए मजबूर हैं। जो डोनेशन के नाम पर काला धन बांट पाता है, वो ही यहाँ बेहतर शिक्षा पाने का हकदार बन पाता है। जो मुल्क, खुद के भविष्य पर ताले लगाता हो, आखिर वो मुल्क कभी कैसे तरक्की कर पायेगा।

मैने देखा है इस मुल्क के लोगो को दागियों को सत्ता के सिंहासन पर बैठाते हुए, जब तक इस मुल्क का नागरिक अपने वोट के अधिकार को नही समझ पायेगा, ये मुल्क तरक्की नही कर पायेगा।
मैने देखा है यहां मजहब के नाम पर खून की नदियां बहते हुए, भाई को भाई की जान लेते हुए, मै देखता हूँ लोगो को भगवे और हरे के लिए लड़ते हुए। जब तक ये मुल्क भगवा और हरा छोड़ तिरंगा नही उठायेगा, ये मुल्क तरक्की नही कर पायेगा।

जब ये मुल्क केवल एक नेता नही बल्कि अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति की तरक्की का अहसास कर पायेगा, तब ये मुल्क तरक्की कर पायेगा। जब इस मुल्क में सभी को शिक्षा का समान अधिकार मिल पायेगा, तब ये मुल्क तरक्की कर पायेगा। जब इस मुल्क के लोगो को दूसरों के दुख में दुख का अहसास हो पायेगा, तब ये मुल्क तरक्की कर पायेगा। जब इस मुल्क का प्रत्येक वासी अपनी-अपनी जिम्मेदारी की चादर ओढ़ने के लिए तैयार हो जायेगा, और सच्चे नागरिक का कर्तव्य निभाएगा, तब सही मायनो में ये मुल्क तरक्की कर पायेगा।

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